Thursday, July 24, 2008

राम का शॉट ओ के है




मेरे अन्तर्यामी राम अब टीवी पर हर रोज़ दिख जाते हैं। राम सेतु की खबर में जैसे ही कोई नयी चीज़ जुड़ती है अरुण गोविल( रामायण में राम का किरदार निभाने वाले कलाकार) भावमय मुस्कान के साथ प्रकट हो जाते हैं। रिपोर्ट में केन्द्र सरकार पर गुस्सा बरपाया जा रहा हो या निंदा का कोई और रुप प्रकट किया जा रहा हो मेरे राम मुस्कुराते हुये ही नज़र आते हैं, हर दुख और दर्द से ऊपर मेरे राम का शॉट हमेशा ओ के रहता है...एनडीटीवी की रामायण के राम भी अच्छा अभिनय कर रहे हैं लेकिन राम की पोस्ट पर अभी अरुण गोविल ही काबिज़ हैं। हालांकि अभिषेक बच्चन अगर राम के रोल में आये तो पता नही टक्कर मिलेगी या नहीं...लेकिन फिलहाल आप जब भी मर्यादा पुरुषोत्तम का ध्यान करें अरुण गोविल को ज़रूर भज ले..राम सेतु की खबर पर विजुअल चलाने के लिये अगर आपको सोचना पड़ रहा है तो फिर आप अपने विवेक पर पुनर्विचार कर ले..क्योंकि समन्दर का विजुअल कॉमन होता है..मामला सरकार से जुड़ा है और सरकार के किसी भी आदमी की शक्ल फिलहाल टी आर पी नहीं है..इस खबर पर टीआरपी चाहिये तो राम राम भजिये ...रामानंद सागर के राम हाज़िर..सबसे आसान उप्लब्धि राम की ही है..ये राम संसद में मिल जाते हैं..टीवी पर तो हैं ही.. लेकिन इन्हें मुस्कुराते हुये ही देखियेगा और दिखाइयेगा..राम का स्वरूप क्रोध में जमता नहीं..बस मुस्कुराते हुये दिखाइये..बस फिर क्या...राम का शॉट ओ के है...

दिनेश काण्डपाल

5 comments:

शिवानी श्रीवास्तव said...

दिनेश जी का लेख पढ़ा...सचमुच राम से जुड़ा कोई भी मुद्दा हो या अगर हम राम का ज्रिक कर रहें हैं तो हमेशा हमारे ज़ेहन में एक ही तस्वीर उभरती है..वो है राम का मुस्कुराता हुआ चेहरा...या यूं कहें अरुण गोविल का चेहरा...

Amit K Sagar said...

आपका लेख पढ़ा, प्रसंशनीय है. लिखते रहिये.
---
साथ ही आपको उल्टा तीर पर जारी बहस में आपके अमूल्य विचारों के लिए भी कहूँगा, व् आमंत्रित करता हूँ, "उल्टा तीर" मंच की ओर से जश्ने-आज़ादी-२००८ की पत्रिका में अपने विचारों के साथ शिरकत करने हेतु. शुक्रिया
---
यहाँ पधारे;
उल्टा तीर।

शोभा said...

बहुत अच्छा लिखा है। स्वागत है।

शैलेश भारतवासी said...

आप तो बहुत पहले से ब्लॉग पर लिख रहे हैं, लेकिन ब्लॉग परिवार से इतने दिनों बाद जुड़े। खैर,
हिन्दी ब्लॉग परिवार में आपका स्वागत है। हम आपसे नियमित ब्लॉग लेखन की अपेक्षा करते हैं।

हिन्द-युग्म
कविताएँ
कहानियाँ
गीत-संगीत
बाल-उद्यान
चित्रावली

अरुण मणि said...

jai shri ram