Monday, August 11, 2008

तुम पर नाज़ है अभिनव


अभिनव बिन्द्रा पर हमें नाज़ है, ये क्षण हैं जब ओलम्पिक खेलों की मायूसी को तोड़ कर हम खुशी से उछलने के पलों को जी रहे हैं। अभिनव की कठिन मेहनत और एकाग्रता ने बीजिंग ओलम्पिक में तिरंगा लहरा कर कितना बड़ा इतिहास रच दिया है ये आने वाला वक्त बतायेगा। अभिनव की क़ामयाबी ने उस अंधेरे तिलिस्म को तोड़ा है जिसमके शिकंजे में भारत के खेल फंसे थे। ओलम्पिक का गोल्ड मेडल। ये पदक दिलों में अभिमान भर रहा है, भुजायें तन गयी हैं, सीने की चौड़ायी एका एक बढ़ गयी है। ये संकेत हैं प्रगति के। अभिनव तुमने एक बड़ा काम किया है। ये देश तुम्है याद रखे या न रखे, आज तुमने उस ऊंचाई को छू लिया है जहां से तुमको भूलने वाले खुद का आस्तिव भी भूल जायेंगें। तुम हमारी क़ामयाबी हो। तुम्हैं तहे दिल से शुक्रिया। बधाई हो

दिनेश काण्डपाल

1 comment:

सोनाली सिंह said...

चक दे फट्टे, मार लिया मैदान, जीत ली जंग, दे दिया जवाब, बन गये बादशाह, ख़ुशी से झूम रहा है पूरा देश ........... शाबाश अभिनव !