Thursday, February 7, 2008

छोटे क़द के राज


राज ठाकरे को मैं पसंद करता था। राज के बारे में ज़्यादा नहीं जानता था। इतना पता था िक वो अच्छे कार्टून बनाते हैं, जब राज ने िशव सेना छोड़ी उस वक्त मैं बाल ठाकरे के पुत्र प्रेम को दोषी मानता था लेिकन आज मुझे बाला साहेब ठाकरे का िनर्णय ठीक लग रहा है। महाराष्ट्र नव िनर्माण सेना के नामकरण के वक्त भी मैं चौंका था लेिकन नाम के पीछे राज मन में क्या उद्देश्य पालेंगें ये सोचा भी नहीं था। शकल देखने पर लगता था िक राज का व्यक्ितत्व िवराट है, उनमें बड़े नेता बनने की अपार संभावनाओं ने ही राज को मेरी पसंद बनाया था, लेिकन राज इतने असहाय हो जायेंगें ये स्वीकार करने मंे मुझे बड़ा वक्त लग गया। नौजवान अफसरों की कमी हमारे देश की सेना में भी है और राजनीित में भी। इस साल नेश्नल िडफ्ेंस अकादमी को तीन सौ से ज़्यादा कैडेट्स चािहये थे लेिकन िमले केवल एक सौ नब्बे। राजनीित में नौजवानो तो इतना टोटा हो गया है िक दूर तक रास्ता नहीं िदखता। ऐसे में राज ठाकरे से मैने बड़ी उम्मीद लगायी थी। सब टूट गयी। क्या राज केवल मराठी और उत्तर भारतीय के मुद्दे को लेकर ये सोच रहे हैं िक वो अपना बेड़ा पार लगा लेंगें। मुझे बड़ी दया आती है राज ठाकरे और उनके सलाहकारों पर। आज का नौजवान क्या सपने पाल रहा है और उसके नौजवान नेता क्या रास्ता िदखा रहे हैं। राज की पार्टी की ताज़ा धमकी सुनकर तो मैं ठहाके लगाये बगैर नहीं रह सका। अब राज ठाकरे ने धमकाया है िक वो उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को महाराष्ट्र में घुसने नहीं देंगें। अपने को स्व्यंभू मरािठयों का नेता कहने वाले राज ठाकरे ये कैसे तय करेंगें िक आंध्रा एक्सप्रेस जो नई िदल्ली से हैदराबाद जाती है उसे वो ब्लारशाह पर रोकेंगें या ठाणे जायेंगें। खैर ये तो ज़्यादा टैक्िनकल बात हो गयी लेिकन राज की ये धमिकयां बड़ी परेशान करने वाली हैं। आज तो ये बात कानून व्यवस्था के िलये परेशान करने वाली हैं लेिकन कल राज के िलये ये बात बड़ी परेशानी बन सकती है कोई जा कर राज को समझाये। इस मुदेद के बाद राज का कद इतना छोटा हो जायेगा िक राज भी खुद को देख कर शर्मा जायेंगें।

िदनेश काण्डपाल

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