Tuesday, April 14, 2009

पीएम के लिये टैलेंट हंट- जनता जज नहीं....




दिनेश काण्डपाल

इस बार पीएम के लिये टेलेंट हंट चल रहा है। उम्मीदवार हैं- मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, मायावती, शरद पवार। आपको करना है वोट, लेकिन ध्यान रहे आप जज नहीं हैं। इस टेलेंट हंट के प्रतियोगियों को करना क्या है ये तो पूछिये ही मत। वो सब कुछ करिये जो नहीं किया जाता। दूसरे की कितनी जड़ खोद सकते हैं ये पहली क़ाबिलियत है। कब्रिस्तान की ट्रेनिंग अगर आपने ली है तो वो काम आ सकती है क्योंकि जो जितने गड़े मु्र्दे उखाड़ेगा उसे उतनी ही फुटेज मिलेगी। भाषण में नयी योजनायें, विकास की बातें नहीं चाहिये ये अनिवार्य शर्त है नहीं तो तालियां भी नहीं मिलेंगी और टीआरपी भी नहीं।

पांच राऊंड....

इस टेलैंट हंट में कई राउंड हैं..हर राऊंड के बाद परफार्मेंस बदल देनी होगी। इस हंट के वैसे तो कई जज हैं लेकिन कुछ जज तो ऐसे हैं जो खुद इस वक्त इस शो में हिस्सा ले रहे हैं। मायावती इस शो में अभी तो प्रतियोगी के तौर पर जुड़ी हैं लेकिन आने वाले वक्त में वो जज बनकर विजेता की घोषणा भी कर सकती है। शरद पवार अपना जजमेंट तो दे चुके हैं लेकिन वो कभी भी प्रतियोगी बनकर खेल में शामिल हो सकते हैं। कई छिपे हुये जज भी हैं जिनकी तमन्ना भी इस शो में परफार्मेंस करने की है। लालू-मुलायम-पासवान सब के सब जज हैं।

वाइल्ड कार्ड एंट्री-----

वाइल्ड कार्ड एंट्री का भी प्रावधान है इस टेलेंट हंट में। वाइल्ड कार्ड से एंट्री लेंगें राहुल गांधी। आप मत चौंकियेगा अगर भैरो सिंह शेखावत ये कार्ड आज़माते नज़र आ जांय तो। राहुल बाबा तो वाइल्ड कार्ड का जन्म सिद्ध अधिकार लेकर पैदा हुये हैं इस लिये इस हंट में उनका शो ज़बर्दस्त रहने वाला है।

पहली परफार्मेंस.....

कुल पांच रांउड होंगे उसके बाद होगा ग्रेंड फिनाले। पहले राउंड की परफार्मेंस हो चुकी है। राग वरुण पर आधारित सैट बीजेपी ने लगाया जिस पर आडवाणी अपने ऱुंधे हुये और भर्राये गले से कई गीतों को एक ही सुर में गा चुके हैं। उनके कोरस में मोदी गुड़िया बुड़िया की बोलियां लगा चुके हैं। अरुण जेटली हंट की शुरुआत में ही कमर लचका के अपने ठुमके का अहसास करवा चुके हैं। जवाब में कांग्रेस का सैट लगा है राहुल राग पर...इस सैट पर जो धुन बज रही है उसमें बुढ़ापे और जवानी का फ्यूज़न है...एक ही सैट पर दो लोग परफार्मेंस दे रहे हैं। मनमोहन आफिशियल प्रतियोगी हैं लेकिन कोरस राहुल मुख्य अभिनेता पर भारी पड़ रहे हैं। कोरस की भुमिका में ही सोनिया भी मुख्य अभिनेता मनमोहन को पछाड़ कर अपने झटके दे देती हैं। पूरे शो में इस बात का कन्फ्यूज़न रहा कि राहुल स्टेज पर हैं या मनमोहन। पहले राऊंड के आखिर में प्रियकां की सरगम भी सुनने को मिली। उन्होंने अपने कोयल गान से नरेन्द्र मोदी की लय बिगाड़ने की कोशिश की लेकिन तान खत्म हुयी भाई के गुणगान पर। पहले राउंड में एक कोरस गा तो रहा था पर किसके लिये पता नहीं चला यो कोरस था अमर सिंह। इसके अलावा बहन जी ने भी परफार्मेंस दी लेकिन मेनका ने उनके तानपुरे के तारों को दो तीन दिन तक अपने में ही उलझा लिया। खैर बहन की परफार्मेंस जैसी भी हो उनका कांन्फिडेंस ज़बर्दस्त है।

तार तार हुयी इज़्ज़त...

पहले राउंड में शोर बड़ा रहा, जिसके हाथ में जो तीर आया उसने वही चलाया न तो अपनी इज़्जत देखी न ही दूसरों की। हमारे देश के प्रधानमंत्री पद के सब उम्मीदवार अपनी क़ाबिलियत से ज़्यादा बोलने की माहमारी की चपेट में आ चुके हैं। एक दूसरे की इज़्जत करना तो छेड़िये बेइज़्जती न कर दें इसी की गनीमत मनाईये। कोई किसी को कमज़ोर कह रहा है तो कोई लोहे को प्लास्टिक साबित करने में जुटा है। लेकिन फिर भी इस टेलेंट हंट में एक नयी बात है। वो नयी बात है नये सुकुमार का कन्फ्यूज़न और मौजूदा प्रधानमंत्री का सर दर्द।

प्रियंका का कन्फ्यूज़न..............

प्रियंका गांधी के बयान ने ये कन्फ्यूज़ थोड़ा और बढ़ा दिया है एक तो खुद देश के प्रधानमंत्री कभी कभी कन्फ्यूज़ दिखते हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि प्रधानंमत्री पद के उम्मीदवार वही हैं या उनको रहुल के लिये प्रचार करना है। जब से चुनावी सीज़न शुरू हुआ है तब से कम से कम तीन बार मनमोहन सिंह कह चुके हैं कि राहुल में प्रधानमंत्री बनने की क़ाबिलियत है। पूरे देश में बहस हो रही है कि प्रधानमंत्री के लिये वोट आडवाणी के लिये दें या मनमोहन के लिये लेकिन प्रियंका के साथ साथ कांग्रेस के कई नेता राहुल को बीच में ले आते हैं। सोमवार 14 अप्रेल को तो अपनी बहन के बयान के लिये खुद राहुल बाबा को सफाई देनी पड़ी। राहुल ने कहा नहीं भाई नहीं मनमोहन ही प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं।

खानदानी प्रधानमंत्री............

एक सवाल जो हर प्रेस कांफ्रेस में निकल आता है वो यही है। कांग्रेस के पीएम राहुल गांधी या मनमोहन। लाख बार सवाल हो चुका लाख बार जवाब। अब फिर सवाल क्यों पूछा जाता है। सवाल कोई भी हो जवाब यहीं होता है कि राहुल बाबा में पीएम बनने का क़ाबिलियत है। क्या बात है... क्या इस टेलेंट हंट में वोट किसी के नाम से मांगे जायेंगे और गिनती किसी के नाम पर होगी कहीं ऐसा तो नहीं है? वैसे याद आ रहा है आडवाणी और मोदी को लेकर ये टैक्नीक बीजेपी भी आज़माने वाली थी। लेकिन वहां ऐसा होता तो सर फूट जाते सो नहीं हुआ। लेकिन कांग्रेस में सर फूटने की नौबत नही आ सकती। वहीं मैडम है मैडम जो कह दिया वही करना है।

जो भी हो इस टेलेंट हंट में बड़ा मज़ा आ रहा है जनता को, वोट डालने से पीएम तय होगा या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन हर रोज़ नये नये बयान तमाशा दिखा जाते हैं और हम तो हैं हीं पुराने तमाशबीन। तमाशा देखेंगे और घर चले जायेंगें। ये लो, ये भी खूब कहीं घर कहां जायेंगें तमाशा तो घर पर ही टीवी में दिख रहा है। चलिये तमाशा ही देख लेते हैं, हम केवल टेलेंट हंट देखने के अधिकारी है ...जज बनने का दुस्साहस मत कीजियेगा।

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